हमें वो सपने देखने है,
जो हम बन सके।
हमें वो अंदाज अपनाने है,
जो इस चक्रव्यहू को काट सके।
हमें वो खुशी लानी है,
जिसे हम दिल से अपना सके।
हमें वो शैलाब लाना है,
जो सारी परेशानियों को बहा सके।
हमें वो दीप जलाना है,
जो अंधेरे को मिटा सके।
मत रोको अपने कदमों को,
मत रोको अपने नेक इरादों को,
मत तोड़ो अपने हौसलों को,
मत तोड़ो अपने सपनों को।
बस आगे बढ़ते जाओ,
और फिर देखो यही जिन्दगी,
तुम्हें सफल बनायेगी।
तुम्हारी सही पहचान,
दुनिया को दिखलायेगी,
बस यू ही आगे बढ़ते जाओ।
Writer: Aditya Kumar
Tags:
Poetry

Hello
ReplyDeleteNiece poem
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